चाल तेंदुआ की तरह होती है तथा इन्हें सुबह-शाम खुले जंगलों में देखा जा सकता है। इन्हें शुष्क जंगल, घास और झाड़ियों वाले समतल स्थान वासक्षेत्र के रूप में पसन्द है। छोटे शरीर की तुलना में इनकी फुर्ती तथा शक्ति ज्वादा होती है तथा ये अपने से कुछ बड़े जंतुओं का भी शिकार कर लेते हैं। छोटे स्तनधारी जानवर, पक्षी आदि इनके आहार हैं। गाँवों में घुसकर ये मुगियों को भी मार ले जाते हैं। अन्य बिल्लियों की तुलना में पैर लम्बा और पूँछ छोटा होता है तथा इन्हें जंगली बिल्ली (Jungle Cat) के नाम से जाना जाता है।
नाम : जंगली बिल्ली
अंग्रेजी नाम : (Jungle Cat)
वैज्ञानिक नाम : (Felis chaus)
विस्तार : भारत तथा दक्षिण-पश्चिम एशिया,श्रीलंका, म्यांमार, इंडोचाइना तथा उत्तरी अफ्रीका।
आकार : सिर से शरीर करीब 70 से0मी0 तथा पूँछ 60 से0मी0 लम्बा।
वजन : पाँच से सात किलोग्राम।
चिडियाघर में आहार : चिकेन ।
प्रजनन काल : जनवरी-अप्रैल और अगस्त-नवम्बर।
प्रजनन हेतू परिपक्वता : दो वर्ष।
गर्भकाल : 60 दिन।
प्रतिगर्भ प्रजनित शिशु की संख्या : दो से चार ।
जीवन काल : करीब 15 वर्ष ।
प्राकृति कार्य : प्रजनन द्वारा अपनी प्रजाति का अस्तित्व बनाए रखना तथा पक्षियों और छोटे स्तनधारी जंतुओं की संख्या पर प्राकृतिक नियंत्रण में सहायता करना आदि।
प्रकृति में संरक्षण स्थिति : संकटापन्न (Threatened) ।
कारण : घरेलू पक्षियों-मुर्गी, बतख, हँस आदि को क्षति के कारण इनकी हत्या ।
वैधानिक संरक्षण दर्जा : संरक्षित, वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम की अनुसूची – II में शामिल।
नाम : जंगली बिल्ली
अंग्रेजी नाम : (Jungle Cat)
वैज्ञानिक नाम : (Felis chaus)
विस्तार : भारत तथा दक्षिण-पश्चिम एशिया,श्रीलंका, म्यांमार, इंडोचाइना तथा उत्तरी अफ्रीका।
आकार : सिर से शरीर करीब 70 से0मी0 तथा पूँछ 60 से0मी0 लम्बा।
वजन : पाँच से सात किलोग्राम।
चिडियाघर में आहार : चिकेन ।
प्रजनन काल : जनवरी-अप्रैल और अगस्त-नवम्बर।
प्रजनन हेतू परिपक्वता : दो वर्ष।
गर्भकाल : 60 दिन।
प्रतिगर्भ प्रजनित शिशु की संख्या : दो से चार ।
जीवन काल : करीब 15 वर्ष ।
प्राकृति कार्य : प्रजनन द्वारा अपनी प्रजाति का अस्तित्व बनाए रखना तथा पक्षियों और छोटे स्तनधारी जंतुओं की संख्या पर प्राकृतिक नियंत्रण में सहायता करना आदि।
प्रकृति में संरक्षण स्थिति : संकटापन्न (Threatened) ।
कारण : घरेलू पक्षियों-मुर्गी, बतख, हँस आदि को क्षति के कारण इनकी हत्या ।
वैधानिक संरक्षण दर्जा : संरक्षित, वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम की अनुसूची – II में शामिल।
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ानकारी देने के लिए धन्यवाद ....
काफी रोचक जानकारी. जब मैं छोटी थी रत को घर पर ४-५ आ जाया करते थे .
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