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सोमवार, 6 अप्रैल 2009

लायन (शेर) या टाईगर (बाघ) नहीं, ये लाईगर है

वन्य प्राणियों में बाघ एवं शेर की चर्चा बड़े बिल्लियों के रुप में होती है, जो प्रकृति में पौराणिक काल से अपनी उपस्थिति दर्ज कराते आ रहें हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोंचा है कि दो प्रजातियों के वण्य-जीवों की आपसी मैटिंग (समागम) कराकर एक नयी प्रजाति की उत्त्पति की कोशिश की जा सकती है? ये कार्य भी इस पृथ्वी पर उत्त्सुक्त बुद्धिमान मनुष्य ने करने की कोशिश की और बाघों एवं शेरों का समागम करा दिया जिससे संतान उत्त्पति भी हुई। अभी तक मनुष्य पालतू जानवरों की शंकर किस्म उत्त्पति कराता आ रहा था लेकिन उत्सुक्तावश एवं खोजी प्रवृति होने की वजह से उसने वन्य प्राणियों पर भी प्रयोग कर डाला और परिणाम स्वरूप लाईगर {LIGER} या टाईगॉन {TIGON} की उत्त्पति हुई। लाईगर सामान्य तौर पर वन्य जीवन (प्राकृतवास) में नहीं पाये जाते हैं क्योकि वन्य जीव अपने प्रजाति में हीं प्रजनन करना पसन्द करते हैं।

घटना चिड़ियाघर की है, जहाँ वन्य प्राणियों को बन्दी अवस्था में रखा जाता है। कुप्रबन्धन या किसी अन्य कारणों के चलते वन्य जीवों की दो प्रजातियों यथा बाघ एवं शेर को एक साथ रखा गया जिसका परिणाम ये हुआ कि जब मादा हीट में आयी तब अपने प्रजाति का नर न मिलने की वजह से मजबूरी में अपने प्रजाति से मिलते- जुलते प्रजाति से समागम कर बैठी। इसी दुर्घटना का परिणाम आया कि लायगर की उत्त्पति हुई। अब तो विश्व के अन्य कोने में इसे प्रयोग के रूप में लाकर विधिवत प्रजनन कराया जा रहा है।

उत्त्पति:

[1] लाईगर {LIGER} : नर LION (शेर) एवं मादा TIGER (बाघ) के समागम से पैदा हुआ शावक (बच्चा), इसके नामाकरण में LION से LI और TIGER से GER लिया गया तथा नाम LIGER दिया गया है।

[2] टाईगॉन {TIGON}: नर TIGER (बाघ) एवं मादा LION (शेर) के समागम से पैदा हुआ शावक (बच्चा), इसके नामाकरण में TIGER से TIG और LION से ON लिया गया तथा नाम TIGON दिया गया है।



जीवनकाल
:

[1] Shasta एक मादा लायगर {Hogle Zoo}, साल्ट लेक सिटी में 14 मई 1948 को जन्म लिया एवं 1972 में 24 वर्ष की उम्र में इसकी मृत्यु हुई।

[2] 1973 में गिनिज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉड ने Bolemfontein जैविक उद्यान, साउथ अफ्रिका में 18 वर्षीय 798 किलोग्राम के नर लायगर का रिकॉड दर्ज किया है।

[3] Valley of the Kings animal sanctuary Wisconsin में Hook नामक 550 किलोग्राम के 21 वर्षीय नर लायगर की 2007 में मृत्यु को दर्ज किया गया।

[4] मियामी में Hercules नामक लायगर अभी जीवित है, जिसको गिनिज बुक में अभी पृत्वी के सबसे बड़े बिल्ली जाति के प्राणी के रूप में दर्ज किया गया है जिसका वजन तीन वर्ष की उम्र में 408.25 किलोग्राम है। ये पिछ्ले पैर पर 10 फीट तक खड़ा हो सकता है एवं एक बार में बैठकर 100 पॉण्ड गोस्त तक खा सकता है। एक दूसरा लायगर Sinbad भी इसी वजन के होने की सूचना प्राप्त हुई है।

TIGON:

मिथ्यामति {TIGON}: ये मिथ्या है कि TIGON का आकार बाघ एवं शेर से कम होता है। इसका वजन 180 किलोग्राम तक देखा गया है।

प्रजनन: नर TIGON में प्रजनन की क्षमता नहीं होती जबकी मादा TIGON प्रजनन योग्य होती है। नर टायगॉन में प्रजनन नहीं देखे गये हैं।

TI-TIGON : यानि तीसरी पीढ़ी की कुछ रोचक जानकारियाँ

[1] अलीपुर चिड़ियाघर में मादा टायग़ॉन रूघ्राणी (Rudhrani) पर प्रयोग किये गये। इस दरमियान एक एशियाई सिंह से रुध्राणी का समागम कराया गया जिससे 1971 में तृतीय श्रृंखला के TIGON का जन्म हुआ, जिसे TI-TIGON कहा गया। रुघ्राणी ने सात TI-TIGON का जन्म अपने पूरे जीवन काल में दिया।

[2] एक TI-TIGON जिसका नाम Cubanacan ने अच्छी-खासी आकार पाई, जिसका वजन 363 किलोग्राम तथा लम्बाई 11.5 फीट तक गया। इसकी मृत्यु 1991 में हो गयी।

[3] TI-TIGON का जन्म भी नर बाघ एवं मादा TIGON के समागम के उपरांत 1978 में एक मादा TI-TIGON का जन्म हुआ।

[4] Shambha Reserve में जन्मी मादा TIGON थी जिसका नाम Noelle था। जिसे उसका पशुपालक ने बाँझ घोषित कर रखा था। इसे Anton नाम के साईबेरियन बाघ से समागम कराया गया। वर्ष 1983 में Noelle ने एक TI-TIGON को जन्म दिया जिसे Nathaniel नाम दिया गया। यह तीन चौथाई बाघ एवं एक चौथाई सिंह था। इसकी आवाज; अपनी माँ की तरह था। इसकी मृत्यु कैंसर से आठ वर्ष की आयु में हो गयी, जबकि इसकी माँ की मृत्यु भी कैंसर से एक वर्ष बाद हो गयी।

भारतवर्ष में लायगर(LIGER) या टायग़ॉन (TIGON) की स्थिति

भारतवर्ष में सभी चिड़ियाघर को नियंत्रित करने के लिए एक प्राधिकार गठित है, जिसे केन्द्रीय चिड़ियाघर प्राधिकार {Central Zoo Authority or say CZA} के नाम से जाना जाता है। यह प्राधिकार पूरे भारतवर्ष के सभी चिड़ियाघरों के प्रबन्धन, प्रजनन, वित्तीय प्रबन्धन एवं अन्य मार्गदर्शक निर्देश मुहैया कराता है। जब ये लायगर का मामला भारतवर्ष के चिड़ियाघरों में प्रकाश में आया, तो केन्द्रीय चिड़ियाघर प्राधिकार को वन्य प्राणी विशेषज्ञों से सलाह-मशविरा कर एक ठोस निर्णय लेना पड़ा। इसका परिणाम ये हुआ कि सभी चिड़ियाघरों को निर्देश जारी किया कि चिड़ियाघर के किसी भी केज में दो प्रजाति के वन्य प्राणी को एक साथ किसी भी स्थिति में रखें जायें। इसके नेपंथ में ये सोंच थी कि आने वाली हमारी पीढ़ी वन्य जीवों के सही प्रजाति से परिचित हो सके और कोई मिश्रित प्रजाति को लेकर, मूल प्रजाति के बारे में भ्रम की स्थिति पैदा हो। अत: हम कह सकते हैं कि भारतवर्ष में लायगर(LIGER) या टायग़ॉन (TIGON) की पैदावार(प्रजनन) पर रोक लगी हुई है।

8 पाठक टिप्पणी के लिए यहाँ क्लिक किया, आप करेंगे?:

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` ने कहा…

ये तो नई जानकारी दी आपने
- लावण्या

L.Goswami ने कहा…

आज पहली बार इस बारे में जानकारी मिली है.बहुत आभार

Anil Kumar ने कहा…

इन शेरबाघों की कुछ तस्वीरें इतनी हैरतअंगेज हैं कि विश्वास ही नहीं हो रहा!

बेनामी ने कहा…

पहली बार जब लाइगर की तस्‍वीर देखी तो लगा कि मानो किसी ने कंप्‍युटर पर कारीगरी की है लेकिन बाद में जब इसके बारे में जाना तो नई जानकारी मिली। आज अपनी भाषा में जब आपकी पोस्‍ट पढ़ी तो पूरा आनंद लिया।

रावेंद्रकुमार रवि ने कहा…

वन्य प्राणी पर प्रकाशित अब तक का सबसे रोचक आलेख!
हार्दिक बधाई!

संगीता पुरी ने कहा…

बहुत अच्‍छी जानकारी दी ... आभार आपका।

Astrologer Sidharth ने कहा…

बहुत दुर्लभ जानकारी।


आभार।

Paise Ka Gyan ने कहा…

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