इनका वास-क्षेत्र आमतौर पर बंजर पड़ी भूमि या पथरीले पहाड- हैं जहाँ ये अपना भूमिगत माँद बनाते हैं। इन माँदों की खासियत यह होती है कि इनमें एक केन्द्रिय कक्ष और अनेक निकास-द्वार होते हैं। दिनभर ये अपनी माँद में विश्राम करते हैं और शाम होते ही अपने आहार की तलाश में निकल पड़ते हैं। चूहे, जमीनी पक्षी, दीमक आदि इनका मुख्य आहार है। तरबूजा, बेर, खेत में लगे चना-फली आदि भी इन्हें पसन्द है। मादा शिशुओं को जन्म देती है और पालती है। नर जोड़ीदार भी शिशुओं का ख्याल रखता है।
यह देश के मैदानी क्षेत्र में सर्वाधिक पाई जानेवाली लोमड़ी प्रजाति है। ये देखने में सुन्दर, छोटे धूसर रंग का शरीर एवं पतले बादामी रंग के पैरवाले होते हैं जिनकी पूँछ का शीर्ष काला होता है। लोमड़ी खुले क्षेत्र का वन्यप्राणी है जो मानवीय आवादी के समीप भी रहते हैं।
नाम : लोमड़ी
अंग्रेजी नाम : (Indian Fox)
वैज्ञानिक नाम : (Vulpes bengalensis)
विस्तार : सम्पूर्ण भारत ।
आकार : सिर एवं शरीर करीब 45-60 से0मी0 तथा पूँछ 25-35 से0मी0 लम्बा।
वजन : 1.8 से 3.2 किलोग्राम।
चिडियाघर में आहार : महिषमांस एवं चिकेन ।
प्रजनन काल : शीतकाल।
प्रजनन हेतू परिपक्वता : करीब 11 माह।
गर्भकाल : 50-53 दिन।
प्रतिगर्भ प्रजनित शिशु की संख्या : सामान्यत: चार शिशु (लम्बाई 18-20 से0मी0, वजन 52-65 ग्राम) ।
जीवन काल : करीब 16 वर्ष ।
प्राकृति कार्य : प्रजनन द्वारा अपनी प्रजाति का अस्तित्व बनाए रखना, चूहों, दीमक आदि की संख्या पर प्राकृतिक नियंत्रण में सहायता करना आदि।
प्रकृति में संरक्षण स्थिति : असुरक्षित (Threatened)|
कारण : अविवेकपूर्ण मानवीय गतिविधियों ( यथा वनों की अत्यधिक कटाई, चराई, वनभूमि का अन्य प्रयोजनों हेतु उपयोग आदि) के कारण इनके प्राकृतवास (Habitat) का सिमटना एवं गुणात्मक ह्रास (यथा आहार, जल एवं शांत आश्रय-स्थल की कमी होना), घरेलू पक्षियों-मुर्गी, बतख, हँस आदि को क्षति के कारण इनकी हत्या ।
वैधानिक संरक्षण दर्जा : संरक्षित, वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम की अनुसूची – II में शामिल।